बॉलीवुड में 'ड्रग्स' नई नस्ल को बर्बाद कर देगा



पिछले दिनों अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद एक से दूसरी कड़ियां कुछ यूँ जुड़ीं कि अब बॉलीवुड में ड्रग्स कनेक्शन पर ना केवल चर्चा हो रही है बल्कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पूछताछ करने वाला है।  बॉलीवुड में 'ड्रग्स' का मायाजाल कोई नया नहीं है बल्कि संजय दत्त से लेकर फरदीन खान और दूसरे तमाम सितारें इस में जकड़े रहे हैं।  यह अनुमान हो सकता है, किंतु ऐसा कहा जाता है कि बॉलीवुड में कोई भी फिल्मी पार्टी बिना ड्रग्स के शायद ही पूरी होती हो! इतना ही नहीं न्यू कमर को उनके कैरियर के शुरुआती दौर में बकायदे 'ड्रग्स' ऑफर किया जाता है, और उनके इंकार करने के बाद उन्हें काम मिलने में भी मुश्किल पेश आते हैं। 



ऐसे में यह मानना उचित है पूरा बॉलीवुड इस समय ड्रग्स के जाल में जकड़ा हुआ है। इस कथन पर विवाद हो सकता है क्योंकि बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की धर्मपत्नी है और खुद अपने जमाने की सुपरस्टार रह चुकी हैं और वर्तमान में राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने इस बात पर आपत्ति जताई कि बॉलीवुड को ड्रग्स के नाम पर केवल बदनाम किया जा रहा है। लेकिन अब यह बात एक -एक कर के खुलने लगी है। 

हालाँकि इसे विस्तृत रूप में देखें तो बॉलीवुड में देश के तमाम राज्यों से लड़के- लड़कियां हीरो- हीरोइन बनने जाते हैं और स्टार बनने के बाद  कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और दूसरे क्षेत्रों में भी अपनी बड़ी फैन फॉलोइंग क्रिएट करते हैं। असल परशानी यहाँ से शुरू होती है। ये तो जग जाहिर है कि बॉलीवुड स्टार की स्टाइल और उनकी लाइफस्टाइल को लेकर युवा पीढ़ी के अंदर कितना क्रेज़ रहता है। 

हीरो -हीरोइन जैसा करने और बनने की होड़ सी मची रहती है युवाओं में। अपने फेवरिट स्टार से जुड़ी छोटी से छोटी गॉसिप उनके फ्रेंड बड़े चाव से पढ़ते हैं। ऐसे में ये कहना बिलकुल गलत होगा कि ड्रग्स को लेकर जिस तरह बॉलीवुड डूबता जा रहा है उसका असर युवा पीढ़ी पर नहीं पडेगा।  इतना ही नहीं आने वाली पीढ़ियां भी इसके असर से अछूती नहीं रहेंगी। ऐसी स्थिति में है यह मानने के पर्याप्त कारण है कि नई पीढ़ी इस जाल में फंस कर बर्बादी की तरफ बढ़ रही है। 

बॉलीवुड में फैले इस विष बेल को लेकर एक तथ्य यह भी है कि नेताओं तक के तार इससे जुड़े हुए हैं। शायद ही कोई ऐसा हो जिसे इस बात की खबर नहीं हो कि मुंबई और खासकर बॉलीवुड में ड्रग्स का कारोबार जिस कदर फल -फूल रहा है उसके पीछे पोलिटिकल पावर नहीं है। इस बात से ना केवल पुलिस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और दूसरे राज्य या केंद्रीय एजेंसियां भी अवगत हैं। ऐसे में एक अहम् सवाल यह उठता है कि अचानक से ड्रग्स को ले कर इतनी सक्रियता क्यों दिख रही है ? कहीं ऐसा तो नहीं कि अन्य कारणों से वर्तमान समय में अधिक सक्रियता दिखाई जा रही है और कुछ देर बाद मामले पर लीपापोती कर दी जाएगी ? 



अगर वाकई में यह राजनीतिक स्टंट नहीं है तो इस मुद्दे पर बेहद बारीकी से सोचने -समझने की जरूरत है। क्योंकि देश का भविष्य कहे जाने वाली युवा पीढ़ी अगर ड्रग्स जैसी खतरनाक नशे के गिरफ्फत में  आ जाएगी तो देश का भविष्य क्या होगा? इतना ही नहीं युवाओं में नशे की लत को लेकर बड़े स्तर पर  जागरूकता फैलाए जाने की उतनी ही आवश्यक है। इसके लिए परिवार की लेवल पर, स्कूल की लेवल पर और विभिन्न सामाजिक स्तर पर विकास को लेकर हमें लागातार सजग रहने की आवश्यकता है तो ट्रांस को लेकर कानून को और सख्त किए जाने की आवश्यकता महसूस होने लगी है।


-विंध्यवासिनी सिंह  

Web Title: Drugs In Bollywood







Post a Comment

0 Comments