कोरोना के दौर में महिलाएं कैसे करें अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल

Stress of A Housewife (Pic:naukrinama)

महिलाओं को अर्धांगिनी कहा गया है, किंतु होम मैनेजमेंट में उनका पूरा रोल होता है। वहीं बगैर उचित संचालन के बेहतरीन होम मैनेजमेंट की कल्पना करना ही बेमानी है। ऐसे में कोरोना वायरस के इस दौर में हर एक व्यक्ति बेहद नजदीक से प्रभावित हुआ है। दूसरी तमाम समस्याएं तो विजिबल हैं, जैसे किसी की आर्थिक समस्या है, तो किसी की सामाजिक समस्या है, तो किसी की एजुकेशन प्रभावित हो रही है। किंतु कोरोना के इस दौर में महिलाओं के ऊपर पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा दबाव है। 

महिलाएं यूं ही 24 घंटे घर में व्यस्त रहती थी, सुबह से लेकर शाम तक खाना बनाने, कपड़े धोने से लेकर घर के तमाम लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी उन पर होती थी, किंतु लॉकडाउन में तो यह कार्य कई गुना बढ़ गया है। जिस घर में बच्चे हैं, पति भी घर में बैठा रह रहा है, उसकी तमाम फरमाईशें इत्यादि प्रबंधित करना बेहद कठिन कार्य हो रहा है। ऐसे में महिलाएं लागातार मानसिक तनाव की शिकार हो रही हैं। आइए जानते हैं कि इस मुश्किल दौर में महिलाएं किस प्रकार अपने घर के कामों को प्रबंधित कर तनाव को कम कर सकती हैं। 

स्वास्थ्य सबसे ऊपर 
रखें ध्यान रखिए इस मुश्किल समय में अगर आप अपनी दिनचर्या नियमित नहीं करती हैं, अगर आप अपने स्वास्थ्य की देखभाल नहीं करती हैं, तो आप जल्द ही परेशान हो जाएँगी, क्योंकि सामान्य दिनों की अपेक्षा आपको इस समय दोगुना -चौगुना काम करना पड़ रहा है। पहले तो आप दोपहर में जब पति ऑफिस होते थे, बच्चे स्कूल होते थे, तो कुछ देर आराम भी कर लेती थीं या कुछ देर किसी से बातें भी कर लेती थी, किंतु अब इन सब की कल्पना बेहद मुश्किल है। 

आउटिंग भी, बाहर घूमना टहलना, सहेलियों के साथ गप्प मारना सब बंद हो गया है।  ऐसे में आपको अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए खुद को प्रेरित रखना होगा। सुबह सुबह उठने के पश्चात फ्रेश होकर आप आधे घंटे ही सही योगा और साधारण एक्सरसाइज जरूर करें। घर के किसी भी सदस्य को जितनी देखभाल की जरूरत है उससे ज्यादा आपको स्वयं की देखभाल की आवश्यकता है। इसलिए अपने स्वास्थ्य के साथ तनिक भी लापरवाही ना करें। जितने बेहतर तरीके से आप अपने घर को प्रबंधित करती हैं, उतनी ही बेहतर तरीके से खुद को भी प्रबंधित कर सकती हैं। 

काम डिवाइड करें 
यह थोड़ा मुश्किल टास्क जरूर है, क्योंकि बहुत सारी महिलाएं कंफर्ट जोन में फंस जाती हैं और अकेले सारा का सारा बोझ लेकर चलती रहती हैं। जबकि अगर आपके घर में आपका बच्चा समझदार है, बड़ा है तो उसको भी उसके योग्य काम दे सकती हैं। पति आपका सहयोग अवश्य कर सकते हैं, किंतु कई बार यह चीजें मिस मैनेज हो जाती हैं, प्रबंधित नहीं हो पाती है ऐसे में जिम्मेदारी लेकर विनम्र भाव से पति को काम की याद दिलाना है। ऐसे में पति देव को थोड़ी बेसिक ट्रेनिंग देना आपका रास्ता आसान कर सकता है। 

आप कुछ ऐसे समझें कि आपका बच्चा अगर घर में फैले हुए कपड़ों को अपने आप से एकत्रित नहीं करता है, तो आप उसे नियमित तौर पर सहज भाव से याद दिलाने में संकोच ना करें। अगर आप व्यस्त हैं और बर्तन धोने का आपके पास समय नहीं है तो आप अपने पति से इस बात के लिए रिक्वेस्ट कर सकती हैं और इस बात में कहीं कोई बुराई नहीं है, क्योंकि भारतीय नारियां इन सब बातों में सहज नहीं होती है। किंतु समय बदला है और काम को थोड़ा डिवाइड कर लेंगे तो घर का प्रबंधन आसान हो जाएगा। 

यह कोई बड़ी बात नहीं है बदलते समय में पुरुष भी घर के कामों को करने में झिझक नहीं रहे हैं, लेकिन उन्हें रास्ता दिखाना पड़ता है, क्योंकि ये उनका रोज का काम नहीं है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर हर एक काम जो आपके हस्बैंड कर सकते हैं, जो आपके बच्चे कर सकते हैं, अगर कोई बच्चा बड़ा है तो छोटे को पढ़ाने की जिम्मेदारी दें। इस प्रकार थोड़ा आपको फॉलो जरूर करना पड़ेगा, लेकिन बेशक आपका सहज हो जाएगा इस बात में दो राय नहीं है। 

कुछ नया सीखिए अभ्यास कीजिए
जी हां अधिकतर महिलाएं एक रूटीन पर चलती हैं। उन्हें कुछ नया करने का ना समय मिलता है और समय अगर मिल भी जाए तो हकीकत यह है कि उनकी रुचि भी बेहद कम होती है। महिलाओं द्वारा चीजों को सही तरीके से  प्रबंधन ना करने की वजह से वो थक जाती हैं और काम ना पूरा करने की वजह से कहीं ना कहीं प्रेशर में आ जाती हैं। इसलिए नए कार्य के बारे में सोच भी नहीं पाती हैं।  

किंतु ध्यान दीजिए अब घर में आपके पति हैं, जो शायद किसी कारपोरेट कंपनी में काम करते हों, उनके साथ आपका पूरा समय व्यतीत हो रहा है, जो पहले कुछ ही घंटे का समय होता था। सुबह पति ऑफिस निकल जाते थे, दिनभर थकने के पश्चात शाम को आते थे, खाना खा कर सो जाते थे। किंतु अब वह आपके साथ जब 24 घंटे हैं, तो क्यों ना उनसे कोई स्किल सीखने की रिक्वेस्ट करें।

स्किल के रूप में वह कोई लैंग्वेज हो सकती है, वह कोई प्रोग्रामिंग, कंप्यूटर की बात हो सकती है। वह मार्केटिंग में प्रबंधन की बात हो सकती है या फिर ड्राइविंग हो सकती है। कोई म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट सीखना हो सकती है।  आपके बच्चे भी तमाम स्किल डेवलपमेंट कर रहे होंगे तो क्यों न उनके साथ साथ आप भी अपने बचपन के शौक को जिंदा करें और कुछ नया करें।  कुछ नया करने से आपको एनर्जी आएगी और कहीं ना कहीं आप मानसिक तनाव से दूर रहेंगी, तो परिवार के साथ सामंजस्य बिठाने में भी आपको काफी सहूलियत होगी। 

हालाँकि थोड़ा शुरू में यह आपको उलझन भरा जरूर लगेगा, किंतु यकीं मानिये आप इस लॉकडाउन में नयी स्किल को जरूर सीखें  और यह सिर्फ सीखे नहीं बल्कि उसका नियमित अभ्यास करें। आप देखेंगी कि किस प्रकार से आपके भीतर भी एक सकारात्मक एनर्जी आती है। वहीं अगर पति से और बेटों से साथ अगर तालमेल नहीं बैठता है तो ऑनलाइन भी आप कई चीजें सीख सकती हैं, किंतु ऑनलाइन सीखने में और आमने सामने दिखने में बहुत फर्क होता है। 

आर्थिक मुद्दों पर बात करें 
लॉकडाउन के समय तमाम दुनिया परेशान है, हर कोई आर्थिक चीजों से भी दुखी है खासकर मिडिल क्लास कहीं EMI के बोझ से दबा हुआ है, तो कहीं सैलरी कट हुई है तो किसी की नौकरी गई है। ऐसी स्थिति में आप सबसे बड़ा सहारा हैं।  बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जो बात करने से सुलझ जाती हैं। कठिनाई के इस दौर में आर्थिक मुद्दों पर आपको नजर रखना चाहिए, वह चाहें घर की EMI हो, बच्चों का खर्च हो, आने वाले दिन में घर खर्च का बजट है।

आप इस सब की डिटेल में जानकारी लें। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह हैं कि जानकारी लेने और प्रेशर लेने में अंतर होता है। ध्यान से समझिए आपको किसी चीज का प्रेशर नहीं लेना है, बल्कि समझना है, उस पर चर्चा करनी है और अगर आपके पास कोई सुझाव है, तो उस सुझाव को अपने हस्बैंड के सामने प्रस्तुत करना है। 

अगर आपके बच्चे बड़े हैं, उन्हें भी यह सहज ही बतला सकती हैं,  किंतु हिचकिचाएं नहीं।  इससे क्या होगा आपके सहज भाव से आपके पाटनर में विश्वास जगेगा तो बहुत मुमकिन है कि उसका खोया हुआ आत्मविश्वास लौट आये। इसके बाद आपके सहयोग के साथ कुछ नया कार्य शुरू कर सकता है। और ऐसी स्थिति में आर्थिक समस्याओं से पार पाने की उम्मीद बढ़ जाएगी। 

इन सब के बावजूद अगर आप मानसिक समस्या का सामना कर रही हैं तो संबंधित डॉक्टर से सलाह लेने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं करें। भारत सरकार ने भी मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हेल्पलाइन जारी की है, कई सारी सेलिब्रिटीज भी मानसिक स्वास्थ्य को लेकर इनिशिएटिव ले रहे हैं, जिनमें मशहूर एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण भी शामिल है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय व इसके सहयोगियों द्वारा तैयार हेल्पलाइन 1800-599-0019 पर आप कॉल करके सहयोग ले सकती हैं 

ऐसी स्थिति में अगर किसी प्रकार की दिक्कत होती है तो आपको हिचकिचाना नहीं चाहिए। आपको अपना ध्यान रखते हुए अपने परिवार को आगे बढ़ाना है। 

कमेंट बॉक्स में अपने सुझाव को जरूर बताएं

- विंध्यवासिनी सिंह 

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